पांच लाख किलोमीटर के रोड नेटवर्क के साथ यह उद्योग को रहेगा समर्पित

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में जुटे अडाणी से लेकर गोदरेज तक सभी उद्योगपति

 

भोपाल। मध्यप्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से देश का पांचवां बड़ा राज्य है, कृषि और खनन में अग्रणी है, इसके साथ ही राज्य को मां नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त है। देश में हो रहे अधोसंरचना विकास का लाभ मध्यप्रदेश को मिला है, दिल्ली, मुम्बई नेशनल हाईवे का बड़ा भाग मध्यप्रदेश से निकलता है, प्रदेश में पांच लाख किलोमीटर का रोड नेटवर्क है और लॉजिस्टिक्स की यहां अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। मध्यप्रदेश में हर वो क्षमता है, जो इसे देश के शीर्ष पांच राज्यों में ला सकता है। यह कहते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने के लिए बधाई दी। प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में विदेशी निवेशक, वैश्विक औद्योगिक संगठन, राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत औद्योगिक घरानें, उद्योग संघों के प्रतिनिधि, उद्यमी तथा व्यवसायी बड़ी संख्या में उद्योगपति शामिल हुए। समिट का शुभारंभ प्रधानमंत्री ने किया।

औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए 18 नई नीतियां लांच

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेश में औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए लागू 18 नवीन नीतियों का शुभारंभ किया। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश उद्योग नीति 2025, एमएसएमई नीति, एक्सपोर्ट प्रमोशन नीति, लॉजिस्टिक्स नीति, स्टार्टअप नीति, मध्यप्रदेश एनीमेशन, वीआर, गैमिंग कामिक्स और विस्तारित रियलिटि नीति, जीसीसी नीति, सेमी कंडक्टर नीति, ड्रोन संवर्धन और उपयोग नीति, फिल्म पर्यटन नीति, पर्यटन नीति, पम्पड हाइड्रो स्टोरेज नीति, सिटी गैस डिस्टिब्यूशन नीति, विमानन नीति, नवकरणीय ऊर्जा नीति, स्वास्थ निवेश प्रोत्साहन नीति और एकीकृत टाउनशिप नीति शामिल हैं।

 

प्रदेश में 31 हजार मेगावॉट सरप्लस एनर्जी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रदेश में 300 से अधिक इंडस्ट्री जोन में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। 31 हजार मेगावॉट सरपल्स एनर्जी है, इसमें 30 फीसदी रिन्यूएबल एनर्जी है। कुछ दिन पहले ही ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजना का शुभारंभ हुआ है। हाल ही में 45 हजार करोड़ रुपए लागत की केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रखी गई, इससे 10 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता बढ़ेगी।

 

ईवी के क्षेत्र मेें लगातार बढ़ रहा मध्यप्रदेश

 

प्रधामनंत्री मोदी ने कहा कि दो दशक पहले लोग मध्यप्रदेश में निवेश करने से डरते थे। अब इलेक्ट्रिक व्हीकल के मामले में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। जनवरी 2025 तक प्रदेश में दो लाख इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं, जो दर्शाता है कि नए क्षेत्रों में भी मध्यप्रदेश निवेश आकर्षित कर रहा है। प्रदेश के 80 रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जा रहा है। विमानन सेवा के लिए ग्वालियर और जबलपुर के एयरपोर्ट को विस्तार दिया गया है।

 

महाकाल से मिलती है अलोकिक अनुभूति

 

प्रधानमंत्री ने सभी डेलीगेट्स से कहा कि सभी उज्जैन के महाकाल महालोक के दर्शन जरूर करें, इससे आलोकिक अनुभूति मिलेगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि जीआईएस के शुभारंभ कार्यक्रम में 15-20 मिनिट विलंब से इसलिए पहुंचे हैं, क्योंकि 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की परीक्षा शुरू हुई है और वीआईपी मूवमेंट से विद्यार्थियों को परेशानी होती। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री को अंग वस्त्रम भेंट किया। जबकि स्मृति चिन्ह के रूप में भोपाल की प्रसिद्ध जरी-जरदोजी कला से निर्मित महाकाल मंदिर का चित्र भेंट किया।

 

विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने प्रदेशवासी प्रतिबद्ध

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के सतत विकास और औद्योगिक निवेश की दिशा में कदम बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प समस्त भारतवासियों ने लिया है, हमारा लक्ष्य देश को 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। विकसित भारत के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए विकसित मध्यप्रदेश समस्त प्रदेशवासियों के साथ महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

सभी के लिए अनंत संभावनाएं

 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सकल राज्य घरेलु उत्पाद में मध्यप्रदेश बड़े राज्यों की श्रेणी में सर्वाधिक वार्षिक विकास दर वाला राज्य है। पिछले 12 वर्षों में मध्यप्रदेश का सकल घरेलु उत्पाद लगभग 4 गुना हुआ है। मेगा फुटवेयर क्लस्टर (मुरैना), नवकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण (मोहासा-बावई) और पीएम मित्रा पार्क (धार) सहित कई बड़े प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं। विक्रम उद्योगपुरी (उज्जैन) में मेडिकल डिवाइस पार्क और 6 नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास हो रहा है। 13 नए औद्योगिक पार्क पूर्ण होंगे, जबकि 20 और औद्योगिक पार्कों की आधारशिला रखी जाएगी। बड़े से बड़ा और छोटे से छोटा निवेशक भी हमारे लिए अतिथि है। सभी के लिए प्रदेश में अनंत संभावनाएं हैं।

 

अडाणी समूह करेगा 1.10 लाख करोड़ रुपए निवेश

अडाणी ग्रुप के चेयरमेन गौतम अडाणी ने कहा कि अडाणी ग्रुप मध्यप्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर चुका है। भविष्य में उनके समूह की सीमेंट, खनन और ऊर्जा क्षेत्र में 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए निवेश की योजना है। इससे वर्ष 2030 तक 1 लाख 20 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

 

अवाडा गु्रप करेगा 50 हजार करोड़ निवेश

अवाडा ग्रुप के चेयरमेन विनीत मित्तल ने कहा कि उनके समूह की प्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश से सोलर-विंड पॉवर प्रोजेक्ट स्थापना की योजना है।

 

आईटीसी करेगा कृषि में निवेश

आईटीसी ग्रुप के संजीव पुरी ने मध्यप्रदेश को कृषि क्षेत्र का पॉवर हाऊस बताया। उन्होंने कृषि क्षेत्र में निवेश को लेकर रुचि दिखाई है।
गोदरेज समूह के नादिर गोदरेज का कहना है कि प्रदेश में जारी विकास प्रक्रिया से यहां निवेश करना बुद्धिमानी है। सागर ग्रुप के सुधीर अग्रवाल और शक्ति पम्पस के दिनेश पाटीदार ने भी प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के संचालन संबंधी अपने अनुभव साझा किए।

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