निजी स्कूल संचालक एवं पुस्तक विक्रेता पालक और छात्रों पर नहीं बना सकेंगे दबाव, आदेश जारी
ग्वालियर। जिला दंडाधिकारी ने अभिभावकों की पीड़ा को समझते हुए किताब, स्टेशनरी एवं यूनिफॉर्म को लेकर बीएनएसएस की धारा-163 के अंतर्गत आदेश जारी किया है। आदेश के अंतर्गत 4 मार्च से 3 मई तक कोई भी निजी स्कूल संचालक अभिभावक या छात्रों पर तय दुकान या स्कूल से किताबें आदि खरीदने के लिए दबाव नहीं बना सकेगा।
अभिभावकों ने डीएम रुचिका चौहान द्वारा दिए गए आदेश को लेकर धन्यवाद दिया है। इसके साथ ही यह भी अपेक्षा की है कि मॉनीटरिंग टीम अब जज्बा दिखाए ताकि बिना किसी दबाव के स्कूल संचालकों से आदेश का पालन कराया जा सके। पालकों का कहना है कि लगभग सभी प्राइवेट स्कूल संचालक मनमानी फीस, किताबों का सेट, स्टेशनरी, बैग, यूनिफॉर्म, स्पोर्ट किट आदि चिन्हित दुकानों से खरीदने के लिए मजबूर करते हैं।
यह है आदेश
-जिला दंडाधिकारी रुचिका चौहान ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 (1) (2) के तहत स्कूल सचालकों, प्रकाशकों एवं विक्रेताओं की एकाधिकारी प्रवृत्ति को खत्म करने तथा लोक प्रशान्ति विक्षुब्ध होने से रोकने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार पुस्तक-स्टेशनरी, बैग, यूनिफॉर्म, ट्रांसपोर्ट सुविधा, सामान्य फीस के अलावा अन्य तरीकों से ली जाने वाली फीस का विवरण नोटिस बोर्ड और आधिकारिक वेबसाइट पर 8 मार्च तक अपलोड करना होगा। है। यूनिफार्म को 3 वर्ष से कम समयसीमा में बदला नहीं जा सकेगा। किसी पुस्तक या कॉपी पर स्कूल का नाम अंकित नहीं होगा। कवर भी प्लेन होंग। आदेश को लेकर अगर किसी को कोई आप?त्ति है तो भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 (5) के तहत डीएम के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है। डीएम न्यायालय ने आदेश का पालन कराने के लिए पुलिस अधीक्षक, अपर जिला मजिस्ट्रेट, सभी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं। 4 मार्च से 3 मई तक प्रभावी आदेश की सूचना सभी स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड पर लगानी होगी।
इन बिंदुओ का होना है पालन
-कोई भी निजी स्कूल छात्र एवं अभिभावकों को पुस्तकें एवं कापियां, यूनिफार्म आदि स्कूल अथवा किसी एक दुकान/विक्रेता/संस्था से खरीदने के लिए बाध्य नहीं करेगा।
-निश्चित या ब्रान्डेड स्कूल बैग्स, बॉटल, पैन-पेंसिल, स्टेशनरी आदि खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
-जिस विद्यार्थी पर पुरानी किताबें हैं, वह पूरे सेट की बजाय जरूरी किताब ले सकता है।
-उल्लंघन करने पर व्यक्ति / संस्था / पुस्तक-स्टेशनरी विक्रेता आदि के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अन्तर्गत कार्रवाई होगी।
-आदेश की अवहेलना पर शाला के प्राचार्य / संचालक के साथ ही प्रबन्धक एवं बोर्ड आॅफ डायरेक्टर भी दोषी होंगे।
वर्सन
अधिकांश निजी विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है, स्कूलों में पाठ्क्रम के संबंध में नियामक संस्था या बोर्ड द्वारा जारी निदेर्शो का पालन कराने के लिए आदेश जारी किया गया है।
रुचिका चौहान, जिला दंडाधिकारी
-डीएम ने पालकों के हित में अच्छा आदेश दिया है। अब इसको लागू कराना बड़ी चुनौती है। देखना यह है कि रसूखदार स्कूल संचालकों से जमीनी स्तर पर आदेश का पालन कैसे कराया जाएगा।
सुधीर सप्रा, अध्यक्ष-पेरेंट्स एसोसिएशन
-आदेश तो अच्छा है, अगर इसका पालन हो जाए तो हर साल 15 हजार रुपए के आसपास बचत हो सकेगी।
अनिल उपाध्याय, अभिभावक