Spain lifts EURO 2024 : स्पेन बना यूरो 2024 चैंपियन

स्पेन चौथी बार बना विजेता

रॉड्री – प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट

इंग्लैंड लगातार दूसरी बार उपविजेता

यूईफा यूरो 2024, 17वीं यूरोपीय फुटबॉल चौंपियनशिप, 14 जून से 14 जुलाई 2024 तक जर्मनी में आयोजित की गई। यह जर्मनी का इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेजबानी का तीसरा मौका था और एकीकरण के बाद पहला। गौरतलब है कि कुछ मैच लीपज़िग में भी खेले गए, जो पूर्व में पूर्वी जर्मनी का हिस्सा था। इस संस्करण में 24 टीमों ने भाग लिया, जिसमें जॉर्जिया ने पदार्पण किया। 2006 विश्व कप के बाद यह पहला बड़ा टूर्नामेंट था जिसे जर्मनी ने अकेले आयोजित किया था।

स्पेन, क्वार्टर फाइनल में मेजबान जर्मनी को बाहर करने के बाद, इंग्लैंड को फाइनल में 2-1 से हराकर रिकॉर्ड चौथा यूरोपीय खिताब जीतने में सफल रहा। इंग्लैंड को लगातार दूसरी बार उपविजेता से ही संतोष करना पड़ा, उन्हें पिछली बार भी पेनाल्टी शूट-आउट में हार का मुहँ देखना पड़ा था। गत चैंपियन इटली, राउंड ऑफ 16 में स्विट्जरलैंड के हाथों हार कर बाहर हो गए थे।
ग्रुप स्टेज के मुकाबलों में चेक गणराज्य, पोलैंड, हंगरी और क्रोएशिया जैसी मजबूत टीमें प्रतिस्पर्धा से बाहर हो गयीं, जबकि अपने पहले प्रयास में ही जॉर्जिया की टीम अगले दौर तक जाने में सफल रही। प्री-क्वाटरफाइनल में कुछ नजदीकी मुकाबलों में फ्रांस ने बेल्जियम को 1-0 से तथा इंग्लैंड ने पिछड़ने के बाद अंतिम क्षणों में पहले बराबरी, फिर अतिरिक्त समय में गोल कर स्लोवाकिया को हराया।
क्वाटरफाइनल के सभी मैचों में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। स्पेन ने जर्मनी को अतिरिक्त समय में 2-1 से हराया, जबकि फ्रांस व पुर्तगाल का मुकाबला 120 मिनट के बाद भी बराबरी पर छूटा, तब पेनाल्टी शूट-आउट में रोनाल्डो की किक मिस होने के कारण पुर्तगाल 5-3 से हार गया। पुर्तगाल के पेपे 41 साल 130 दिन की उम्र के साथ यूरोपीय चौम्पियनशिप में खेलने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए। क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने अपने छठे यूरोपीय चौम्पियनशिप में भाग लेकर सबसे ज्यादा बार टूर्नामेंट में खेलने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। एक अन्य क्वाटरफाइनल में नीदरलैंड्स ने तुर्की को 2-1 से हराया, जबकि आखिरी क्वाटरफाइनल में इंग्लैंड और स्विट्जरलैंड के मैच का फैसला भी पेनाल्टी शूट-आउट के जरिए हुआ, जहाँ इंग्लैंड 5-3 से विजयी रहा।
सेमीफाइनल के दोनों मैचों के नतीजे निर्धारित समय में ही निकले, स्पेन ने फ्रांस को तथा इंग्लैंड ने नीदरलैंड्स को 2-1 से हराया। फ्रांस के खिलाफ सेमीफाइनल में अपने गोल के साथ, लामिन यामाल 16 साल 362 दिन की उम्र में यूरोपीय चौंपियनशिप इतिहास में सबसे युवा गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए। इससे पहले का रिकॉर्ड स्विट्जरलैंड के जोहान वॉनलाथेन के नाम था, जिन्होंने 2004 में 18 साल 141 दिन की उम्र में फ्रांस के खिलाफ ही गोल किया था। यामाल ने 16 साल 338 दिन की उम्र में क्रोएशिया के खिलाफ स्पेन के शुरुआती मैच में खेलकर यूईएफए यूरोपीय चौम्पियनशिप में खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बनने का रिकॉर्ड भी बनाया। इससे पहले का रिकॉर्ड पोलैंड के कास्पर कोजलोव्स्की के नाम था, जिन्होंने 2021 में 17 साल 246 दिन की उम्र में खेला था।

         
फाइनल में यामाल, उनके 17वें जन्मदिन के एक दिन बाद, यूरोपीय चौम्पियनशिप फाइनल में खेलने वाला सबसे युवा खिलाड़ी भी बन गए। फाइलन मैच बहुत रोमांचक था, स्पेन ने पहले हाफ में बेहतर खेल दिखाया लेकिन गोल करने के मौके बनाने में चूक गया। पहले हाफ के अंतिम क्षणों में इंग्लैंड के फिल फोडेन के शॉट को स्पेनिश गोलकीपर द्वारा रोक लिया गया। स्पेन ने दूसरे हाफ की शुरुआत में ही दबदबा बनाया और 47वें मिनट में यमाल ने एक सटीक पास से गेंद को तेजी से आगे बढ़ रहे विलियम्स तक पहुँचाया जिसे उन्होंने बेहद तेज शॉट से गोल के भीतर दाग दिया और स्पेन को बढ़त दिला दी। यमाल और विलियम्स के इस संयुक्त प्रयास की तुलना गार्जियन अखबार ने 1970 के विश्व कप के फाइनल में पेले और कार्लोस एलबर्टो के मशहूर गोल करते हुए, उसकी मिरर इमेज बताया।

इंग्लैंड ने पिछड़ने के बाद कुछ अच्छे मौके बनाए, स्पेन ने भी सबस्टीट्यूशन के साथ कई बेहद अच्छे अवसर बनाए लेकिन दोनों टीमें गोल करने में सफल नहीं हुयीं। फिर 73वें मिनट में बेलिंघम के पास पर पाल्मर ने गोल के बाएँ कॉर्नर में एक लो शॉट के जरिए गोल कर मैच को बराबरी पर ला दिया।

स्पेन ने अगले कुछ मिनटों तक बॉल पर प्रभावी रूप से कब्जा रखा और 86वें मिनट में मिकेल ओयारज़ाबल ने गोल कर स्पेन को फिर आगे कर दिया। गोल के संबंध में ऑफ-साइड संबंधी निर्णय वी.ए.आर. के जरिए लिया गया और 28 मिनट पहले मैदान पर आए ओयारज़ाबल का प्रयास निर्णयक साबित हुआ। अपने घर के बाहर किसी बड़े टूर्नामेंट का पहला फाइनल खेल रही इंग्लैंड टीम ने वापसी की कई कोशिशें कीं लेकिन 4 मिनट के एडेड टाइम तक उनके सभी प्रयास असफल रहे और स्पेन चौथी बार विजेता बना।


स्पेन पूरे टूर्नामेंट में अजेय रहा और वह इकलौती ऐसी टीम रही जिसने ग्रुप स्टेज और नॉकआउट मैचों सहित पूरे टूर्नामेंट में सभी सात मैच जीते, वो भी बिना पेनल्टी शूटआउट के। स्पेन 2008 में भी अजेय रहा था। उसके अलावा 1984 में फ्रांस और 2021 में इटली भी ऐसा कर चुके हैं। स्पेन के नाम एक टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल करने का रिकॉर्ड भी बनाया उन्होंने कुल 15 गोल दागे। यह रिकॉर्ड पहले फ्रांस के नाम था, जिन्होंने 1984 में 14 गोल किए थे। स्पेन के 10 अलग-अलग खिलाड़ियों ने गोल किए, यह भी एक रिकॉर्ड है।

लामिन यामाल को टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी, सर्वश्रेष्ठ गोल व सर्वाधिक (4) असिस्ट के पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। स्पेन के डेनी ऑल्मो को 3 गोल व 2 असिस्ट के लिए टॉप स्कोरर का अवार्ड दिया गया तथा उनके ही देश के रॉड्री को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।

लेखक परिचय

डॉ शालीन शर्मा

संप्रति: खेल पत्रकारिता के साथ करियर की शुरुआत करने के बाद शासकीय सेवा में गए। वर्तमान में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं। इसके साथ ही शौकिया तौर पर द ग्रिप न्यूज के लिए खेलों से संबंधित आलेख लिख रहे हैं।

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